महराजगंज ।निचलौल थाने के नायब दारोगा पत्रकारों को सबक सिखाने के मामले में तीन चार दिनों से सुर्खियों में छाए हुए हैं।अब एक महिला पत्रकार ने पुलिस अधीक्षक महराजगंज से पत्र देकर सुरक्षा और न्याय की गुहार लगाई है।बताते चलें कि महिला पत्रकार के साथ मारपीट करने स्कूटी में ठोकर मारने के मामले में पुलिस अधीक्षक से शिकायत के बाद थाना निचलौल में मु0अपराध सं0 162/20 अंतर्गत धारा 323,504,506,279,427 आईपीसी व 3(1)(DH) एससीएसटी के मामले में मुकदमा पंजीकृत हुआ था।जिसमे महिला पर सुलह किए जाने का दबाव जबरन हल्का इंचार्ज द्वारा बनाया जा रहा था लेकिन सुलह करने पर उक्त महिला पत्रकार राजी नही हुई तो ठीक उसी दिन महिला पत्रकार की मु0 दर्ज होने के करीब आधे घण्टे बाद उसी मामले में उसी तिथि का घटना दिखवाकर मामले में खुद हल्का इंचार्ज पार्टी बनते हुए महिला पत्रकार व उसकी माँ द्वारा घर में घुसकर मारपीट करने,स्कूटर से टक्कर मारने व रंगदारी मांगने का आरोपों में महिला पत्रकार सहित उसकी माँ,भाई और तीन अन्य अज्ञात पत्रकारों के खिलाफ मु0 अपराध संख्या 163/20 अंतर्गत धारा147,323,504,506,452,427,383,279,337,338 आईपीसी दर्ज कर दिया गया है जिसमे दरोगा का इस एफआईआर में जिक्र भी है कि मामला सही है और तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर बिबेचना कराया जाय इस मामले में यही दरोगा बिबेचक भी हैं।अब ये सोचने वाली बात है कि क्या एक महिला पत्रकार और उसकी माँ बिना अपने इज्जत की परवाह किये जिससे गाड़ी की टक्कर हुई हो उसके घर में घुसकर मारपीट कर सकती हैं दूसरी बात जो कि रंगदारी मांगने का आरोप लगाया गया है यदि रंगदारी की मांग उक्त महिला पत्रकार द्वारा करना ही था तो इन धाराओ में तहरीर या मुकदमा क्यो लिखवाती महिला से सम्बंधित हिनियस अपराध में भी तो तहरीर या मुकदमा दर्ज करा सकती थी इन तत्थों के आधार पर दरोगा एंव महिला पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाले खुद ही फसते नजर आ रहे हैं।लेकिन लगातार आये दिन जिस तरह एक के बाद एक शिकायत आलाधिकारियों से इस नायब दारोगा के विरुद्ध की जा रही है उसने यह तो जरूर स्पष्ट कर दिया है कि नायब दारोगा की भूमिका पूरे मामले में सन्दिग्ध है। वरना कई बैनरों के पत्रकारों के सहित आम ग्रामीण शिकायत क्यो करते।साथ ही इस दरोगा द्वारा तस्करी व अवैध कार्य की खबर चलाना ही पत्रकारों को इस दरोगा द्वारा योजनाबद्ध तरीके से दर्ज कराये जा रहे मुकदमे का शिकार बनना पड़ रहा है।