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महराजगंज ब्यूरो डेस्क : जनपद महराजगंज के नौतनवां तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत भगवानपुर निवासी आचार्य पं माधव तिवारी ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है इसलिए इस संक्रांति को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। राशि बदलने के साथ ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करते हैं। वहीं मकर संक्रांति के दिन से ही खरमास की समाप्ति होती है। माना जाता है कि भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने उनके घर जाते हैं जो कि शनि देव मकर राशि के स्वामी हैं।
भारतीय धार्मिक परंपरा के अनुसार मकर संक्रांति का विशेष महत्व होता है क्योंकि मकर संक्रांति होने से ही सूर्य उत्तरायण हो जाता है जिससे सामान्य रूप से सभी शुभ कार्य प्रारम्भ हो जाते है ।इस वर्ष सूर्य धनु राशि से मकर राशि में गुरुवार को प्रातः 8:18 पर प्रवेश कर रहा है। अतः शास्त्रीय दृष्टिकोण के अनुसार पुण्यकाल सूर्यास्त काल अर्थात सायं 5:17 तक रहेगा अतः इस वर्ष मकर संक्रांति गुरुवार को सर्वसम्मति से मनाई जाएगी। आचार्य पं माधव तिवारी यह भी बताते हैं कि इस वर्ष मकर संक्रांति के बाद भी गुरु अस्त होने के कारण विवाहादि शुभकार्य वर्जित रहेंगे।
शास्त्रों के अनुसार पुण्यकाल में जप, तप, दान, स्नान का विशेष महत्व होता है। पुण्यकाल में गंगा स्नान कर तील, गुण, वस्त्रादि का दान करने से पुत्र, सुख समृद्धि इत्यादि की वृद्धि होती है।